Concept of Debit Note & Credit Note in the Books of Accounts
Business के अन्दर हम Purchase और Sale दोनों करते है! जब हम Purchase करते है
तो पहले हम Purchase का बिल Receive करते है और फिर हम Purchase की entry करते है
:-
Purchase A/c Dr.
To Sundry Creditors A/c
इसी तरह जब हम Sale करते है तो पहले Sales का Invoice issue करते है और फिर entry
करते है :-
Debtor A/c Dr.
To Sales A/c
यहाँ तक कोई issue? नहीं Sir, कोई issue नहीं! चलिए फिर आगे चलते है
जिस तरह हम purchase करते है उसी तरह हमे goods पसंद ना आने पर या goods के
defective होने पर हम goods return भी करते है जिसे हम Purchase Return या (GR) के
नाम से भी जानते है! और अन्दर कि बात बताऊ तो कभी कभी ऐसा भी होत है कि हमें goods
किसी दूसरी जगह से और भी सस्ते rate पर मिल रहे होते है तो इसलिए भी हम कई बार
चालाकी करते है और goods जो purchase कि थी उन्हें return कर देते है, मगर आप ऐसी
चालाकी बिलकुल मत करना!
जब हम purchase return करते है तो हम entry pass करते है :-
Creditor A/c Dr.
To Purchase Return
इस entry में हमने creditors के account को debit किया है जिसके लिए हम
creditors को debit note issue करेंगे जिसका मतलब ये हुआ कि अब हमें हमारे creditors
को कम payment करनी होगी! In Simple words, जो भी व्यक्ति debit note issue करता
है वो अपनी books में दूसरी पार्टी का account debit करता है! Generally purchase
return के लिए हम अपने creditors को debit note issue करते है!
Debit Note issued to Creditors |
कभी कभी ऐसा भी होता है कि जो हमने purchase कि है उसमे goods का rate jyada
लग कर आ गया है For eg. Banta Santa से Rs.28/kg के हिसाब से चीनी खरीदता था मगर
Santa ने इस बार गलती से Rs.30/kg के हिसाब से 1000 kg चीनी और उसका बिल भेज दिया!
जैसे ही bill Banta के पास पंहुचा Banta आग बबूला हो गया और बोला कि oye Santa!
तेरी ये मजाल कि तू Rs.2/kg के हिसाब से 1000 kg चीनी के Rs. 2000/- मुझसे फालतू ले!
अब देख मैं क्या करता हूँ! Banta ने झट से Laptop निकाला और फट से अपनी books में entry
pass कर दी :-
Santa (Creditor) A/c Dr. 2,000.00
To Rate Differences 2,000.00
और Rs. 2,000.00 का debit note Santa को issue कर दिया!
इस तरह rate difference के लिए भी creditors को debit note issue किया जाता है!
आइए अब हम बात करते है Credit note की:-
Credit Note Issued to our Debtors |
जब भी हमारे Debtor हमें goods return करते है तो हम entry pass करते है :-
Sales Return A/c Dr.
To Debtor A/c
इस तरह हम अपनी books में Debtor का account credit कर देते है जिसका मतलब ये
हुआ कि ऐ हमारे debtor हमें आपसे अब कम पैसा लेना है और हम अपने debtor को credit
note issue कर देते है!
In a nutshell, Generally, creditors को debit note issue किया जाता है और Debtors को credit note.
Happy Readings....!!!!☺
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